,( काव्य पाठ के साथ सदस्यों ने अनेक प्रस्ताव पारित किये, संस्था की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती वीना चतुर्वेदी के पति स्व वेद भूषण चतुर्वेदी के निधन पर शोक संवेदना के साथ गोष्ठी का समापन हुआ)

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छंजर सभा अल्मोड़ा के तत्वाधान में प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को आयोजित होने वाली काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवम् रंगकर्मी श्री त्रिभुवन गिरि महाराज जी तथा संचालन श्री नीरज पंत (सेवानिवृत प्रधानाचार्य) द्वारा किया गया।

वरिष्ठ साहित्यकार एवम् रंगकर्मी श्री त्रिभुवन गिरि महाराज जी(संरक्षक),श्रीमती नीलम नेगी, मोहन चंद्र टमटा,नीरज पंत, विपिन चंद्र जोशी ‘कोमल’, कंचन तिवारी जी,श्री हर्ष सहित अन्य अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित कवियोंनेदीपावली,प्रकृति,श्रृंगार,नारी,देश प्रेम, सनातन संस्कृति,वर्तमान राजनीति सहित अन्य अनेक सम सामयिक विषय आधारित काव्य,गीत,ग़ज़ल, हास्य व्यंग विधाओं पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।

संचालक नीरज पंत ने सभी का औपचारिक स्वागत करते हुए दीपावली की अग्रिम बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कंचन तिवारी ने सरस्वती वंदना गाकर गोष्ठी का पारंपरिक शुभारंभ किया.।

गोष्ठी में छन्जर सभा के वरिष्ठ साहित्यकार सदस्य डॉ.धाराबल्लभ जी की नवीन प्रकाशित पुस्तक ‘भारत की शौर्य गाथा’ के लिए हार्दिक बधाई दी गई, श्री पांडे जी द्वारा पुस्तक में संकलित कविताओं का पाठ किया।

गोष्ठी में प्रस्ताव रखा गया कि छन्जर सभा के W.app समूह में जुड़े कुछ सदस्य जो आयोजित गोष्ठियों में उपस्थिति अथवा समूह में सक्रियता आदि किसी भी रूप से अपनी सहभागिता नहीं रखते हैं,उन्हें समूह में बने रहने का न औचित्य है न ही उपयोगिता,अतः उन्हें समूह से विलग करना विचारणीय होगा। छन्जर सभा की वरिष्ठ सदस्या श्रीमती वीना चतुर्वेदी जी के पति श्री वेद प्रकाश चतुर्वेदी जी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई. ।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में त्रिभुवन गिरि महाराज जी ने सभी प्रस्तुत रचनाओं का समीक्षात्मक विश्लेक्षण करते हुए विविध विषय आधारित स्तरीय कविताओं की सराहना की साथ ही रचनाधर्मिता को और अधिक परिष्कृत व समृद्ध बनाने हेतु महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया व आहवान किया कि छन्जर सभा के माध्यम से साहित्यिक मनीषियों को साहित्य क्षेत्र में उच्चतम लक्ष्य व उपलब्धियां प्राप्त हों. सभी को साधुवाद देते हुए अध्यक्ष महोदय द्वारा काव्य गोष्ठी के समापन की घोषणा की गई.

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