(समाजिक कार्यकर्ता व आर टी आई एक्टिविस्ट संजय पाण्डे के प्रयासों से मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत, लचीली स्वास्थ्य सेवाओं के चलते मां की मौत का बदला चिकित्सा सेवाओं को सुधारने का संकल्प कर लें रहे हैं,
जिला चिकित्सालय अलमोडा़ के प्रबंध समिति के सदस्य बनाये जाने स्वर तेज)
अब नहीं चढ़नी पड़ेगी चार मंज़िल की थकाऊ सीढ़ियाँ, गंभीर मरीजों के लिए बनेगा आसान इलाज का रास्ता

अल्मोड़ा। लंबे समय से प्रतीक्षित नई लिफ्ट की सौगात अब पंडित हर गोविंद पंत जिला अस्पताल अल्मोड़ा को मिलने जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे के निरंतर प्रयासों और जनहित में उठाई गई मजबूत आवाज का परिणाम है कि वर्ष 2024 में भेजा गया प्रस्ताव अब अंततः साकार रूप लेने जा रहा है।इस लिफ्ट की स्थापना से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर मरीजों को अब चार मंज़िला इमारत की सीढ़ियाँ चढ़ने की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। वर्तमान में अस्पताल की ओपीडी में रोज़ाना 500 से अधिक मरीज पहुंचते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में वे लोग होते हैं जिनके लिए सीढ़ियाँ चढ़ना एक गंभीर चुनौती होती है।
संजय पाण्डे ने बताया कि “पिछली दोनों लिफ्टें गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरीं, जिससे बार-बार खराबी की शिकायतें आती रहीं। इस बार विशेष आग्रह किया गया है कि जो लिफ्ट लगाई जाए वह न केवल आधुनिक हो, बल्कि टिकाऊ और भरोसेमंद भी हो।फिलहाल अस्पताल में जो लिफ्ट कार्यरत है, वह भी जिला चिकित्सालय हरिद्वार के नाम से है, यानी स्थायी समाधान नहीं, बल्कि एक अस्थायी व्यवस्था है।
अब जो नई लिफ्ट लगने जा रही है वह 20 लोगों की भार वहन क्षमता वाली होगी और इसे स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा अनुमोदित किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एच.सी. गड़कोटी ने भी पुष्टि की है कि कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा।
इस पहल से एक बार फिर साबित हुआ है कि जब सामाजिक सरोकारों के लिए नीयत और नीति एकजुट हो, तो बदलाव संभव है। संजय पाण्डे ने पहले भी जिले के अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन, एमआरआई, ईएनटी विशेषज्ञ, ऑडियोमेट्री सुविधा और ब्लड बैंक जैसे कई जनहित कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है।
समाजिक कार्यकर्ता व आर टी आई एक्टिविस्ट संजय पांडे लचीली स्वास्थ्य सेवाओं के चलते मां की मौत का बदला चिकित्सा सेवाओं को सुधारने का संकल्प कर लें रहे हैं,
जिसके चलते संजय पांडे कोजिला चिकित्सालय अलमोडा़ के प्रबंध समिति के सदस्य बनाये जाने स्वर तेज हो रहे हैं।


