भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रमेश सिंह पाल द्वारा लिखित तीन पुस्तके संसद भवन (पार्लियामेंट हाउस) की केंद्रीय लाइब्रेरी के ब्लॉक A, नयी पुस्तिकाएं अनुभाग में सम्मिलित की गयी है।
संसद पुस्तकालय, राष्ट्रीय पुस्तकालय के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है जिसमे देश के सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज तथा सभी देशो के सविंधान संगृहीत है। संसद पुस्तकालय में पुस्तकों का सभी संसद कर्मचारियों तथा सांसदों के लिए उपलब्ध होना लेखक के लिए एक बड़ी उपलब्धि एवं गर्व का विषय है।बता दे कि डॉ रमेश सिंह पाल ने एक शोधकर्ता के रूप में, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 50 से अधिक शोध लेख प्रकाशित किए हैं और दर्जनों से अधिक उच्च उपज वाली फसल किस्मों के विकासकर्ता के रूप में योगदान दिया है। साथ ही डॉ. पाल जुनून से एक आध्यात्मिक लेखक और प्रेरक भी हैं।
वर्ष 2018 में उनकी पहली हिंदी पुस्तक “अपना स्वरूप”प्रकाशित हुई। इस पुस्तक को पाठकों द्वारा खूब सराहा गया। कुकू एफएम पर इस किताब को 5 लाख से ज्यादा बार सुना जा चुका है। उनकी दूसरी पुस्तक “स्पिरिचुअल विजडम : गारंटीड प्रिस्क्रिप्शन ऑफ़ सक्सेस एंड हैप्पीनेस” वर्ष 2020 में आयी और उनकी तीसरी पुस्तक “रूपान्तरण के सूत्र” वर्ष 2023 में आयी, जिसे आध्यात्मिक साधकों द्वारा खूब सराहा गया।
बता दे कि डॉ पाल यूनेस्को समावेशी नीति प्रयोगशाला के लिए भारत के विशेषज्ञ भी हैं। हजारों आध्यात्मिक साधक विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर उनसे जुड़े हुए हैं और वे आध्यात्मिकता के प्रति आम लोगों की धारणा को बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं ऐसे में डॉ पाल की तीनो पुस्तकों का संसद पुस्तकालय में सम्मिलित होना सम्पूर्ण अल्मोड़ा निवासीओ एवं लेखकों के लिए एक हर्ष का विषय है।