जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में श्रम विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 के अन्तर्गत कार्य किये जाय साथ ही विभाग द्वारा संचालित ई-श्रम एवं प्रधानमंत्री श्रम योगी योजना का अधिक से प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि इन योजनाओं का लाभ प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को मिल सके।
इस बैठक में सहायक श्रम आयुक्त आशा पुरोहित नें श्रमिकों के लिए श्रम विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अभी तक विभाग द्वारा श्रमिकों को वर्तमान तक 34,430 टूल किट, 7,646 कम्बल, 5,900 छाता, 3,998 सेनैट्री पैड वितरित किये गये है।
उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिकों की दो आश्रित पुत्रियों के विवाह उपरान्त तथा महिला निर्माण श्रमिक स्वयं के विवाहोपरान्त 51,000 की धनराशि, निर्माण श्रमिक के आश्रित दो बच्चों के शिक्षा हेतु 01-05 तक 1800 (वार्षिक), 06-10 तक 2400 (वार्षिक), 11-12 तक 3000 (वार्षिक), स्नातक/परास्तानक में 10,000 धनराशि प्रदान की जाती है।
प्रसूति सहायता हेतु 02 बच्चों तक रू0 6000 की धनराशि प्रदान की जाती है, निर्माण श्रमिक के मृत्यु उपरान्त आर्थिक सहायता सामान्य मृत्यु में 2,00,000 लाख रू0 नियोजन में कार्य के दौरान मृत्यु में 4,00,000 की धनराशि दी जाती है।
उन्होंने बताया कि विभाग में ऑन लाईन पोर्टल के अनुसार वर्तमान तक सक्रिय निर्माण श्रमिक 11,284, कुल निर्माण श्रमिक 19,913, महिला श्रमिक 10,259 एवं पुरूष श्रमिक 9,654 पंजीकृत है।
बैठक में श्रम प्रवर्तन अधिकारी राबिया परवीन सहित अन्य लोग उपस्थित रहें। अधिकारियों को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने कहा पात्र श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में कोताही न हो।