( उत्तराखंड में भी लोकप्रिय होता जा रहा है अखंड सौभाग्य कामना का उपवास दिवस “करवा चौथ” दिवस)

“साथ निभाना मेरा “
हर सुहागिन कहती ‘करवाचौथ’ परआज
मेंहदी का रंग छूटे पर प्यार कभी न टूटे
निर्जल व्रत रख कहती हूँ तुमसे प्रियतम
तुम्हारी आन मेरी शान तुमसे ही मेरा मान है
इस सच को कभी झुठलाना मत….
नियति है कैसी मेरी विधाता का लेख न जानूँ मैं
बस जानूँ यही सात जन्मों का साथ हमारा
चंदा सूरज तुम ही मेरे तुमसे ही सौभाग्य भरा है
दिलाती हूँ याद वो सात फेरों के सात वचन
उस गठबंधन को कभी भुलाना मत…
तुम बिन श्रृंगार अधूरा,जीवन मेरा सूना है
मेरी खिलती नन्हीं बगिया के माली तुम ही
तुम शब्दार्थ और तुममें ही सार छिपा जीवन का
प्रेम बिना फ़िर क्या जीना भरी प्रेम की प्याली है
इसे मगर कभी छलकाना मत…
फिर लें सौगंध प्रियतम आज हर सुख दुःख में संग
हंसना और हँसाना ही सुखमय संसार हमारा हो
सिंदूर की लाज रख ले चंदा सौभाग्य अटल बने
पावन प्रेम की शक्ति भक्ति से साथ निभाना मेरा प्रिय
राह अकेला छोड़ मुझे तुम जाना मत…
— नीलम नेगी (अल्मोड़ा)
उत्तराखंड



