हल्द्वानी: उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। जहां ऊर्जा विभाग स्मार्ट मीटर को पारदर्शी और आधुनिक तकनीक बता रहा है वहीं हल्द्वानी के डहरिया इलाके में दो उपभोक्ताओं को एक झटके में लाखों का बिल मिलने से हड़कंप मच गया।सीएमटी कॉलोनी के निवासी भवानी राम को बिजली का बिल देखकर जैसे पैरों तले ज़मीन खिसक गई।

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आमतौर पर 1000 से 2000 रुपये तक का बिल देने वाले भवानी राम को इस बार 2.62 लाख का बिल थमा दिया गया। वहीं उनके सामने ही रहने वाले एक अन्य परिवार को 23 लाख 12 हजार का बिल थमाया गया…जिससे मोहल्ले में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता बेगराज सिंह का कहना है कि यह बिल पुराने मीटर की रीडिंग के आधार पर जनरेट हुआ है।

स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी द्वारा एमआरआई कराने के दौरान तकनीकी दिक्कत आई..जिससे गड़बड़ी हुई।उन्होंने यह भी कहा कि 2.63 लाख का मामला उनके संज्ञान में है और बिल को संशोधित कर दिया गया है…लेकिन 23 लाख के मामले की अभी जांच की जा रही है। साथ ही विभाग का यह भी कहना है कि हो सकता है उपभोक्ता को जो मैसेज मिला उसमें छेड़छाड़ की गई हो।

यदि ऐसा हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।भवानी राम और अन्य उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर ये स्मार्ट मीटर कर क्या रहा है। पहले जहां बिजली का बिल हजार-डेढ़ हजार आता था अब लाखों में बिल देखकर लोग मानसिक तनाव में हैं।ऊर्जा निगम ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर की प्रक्रिया में कुछ तकनीकी गड़बड़ियां आ रही हैं…जिन्हें ठीक किया जा रहा है। उपभोक्ताओं के बिलों को संशोधित कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

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