उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत प्रदेश के 10 उच्च शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिये चुना गया है। इनमें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का ऋषिकेश परिसर भी शामिल है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने के बाद ये शैक्षणिक संस्थान न केवल छात्र-छात्राओं के लिये बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के युवा उद्यमियों के लिये भी वरदान साबित होंगे। ये केंद्र उन युवाओं के लिए सहारा बनेंगे जो स्टार्ट-अप और उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से अगले पांच वर्षों में प्रदेशभर में 100 स्टार्टअप्स विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन संस्थानों के माध्यम से छात्रों को अगले पांच वर्षों में 25 पेटेंट/कॉपीराइट दाखिल करने में भी मदद की जाएगी। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ये सेंटर विभिन्न कार्यात्मक क्षेत्रों में 50 व्यवसाय और स्टार्टअप सलाहकारों का एक समूह बनाएंगे तथा प्राथमिक चरण प्राप्त कर चुके स्टार्ट-अप और मौजूदा उद्यमों के लिए बाजार संपर्क को भी सुगम बनाएंगे।

देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने बताया कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश के युवाओं को तकनीकी एवं सॉफ्ट स्किल्स के साथ प्रशिक्षित एवं शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से देवभूमि उद्यमिता योजना का संचालन किया जा रहा है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे युवाओं को उद्यमशीलता कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। प्रोफेसर तोमर ने बताया कि योजना के तहत श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का ऋषिकेश परिसर टूरिज्म क्षेत्रों में एक हब के रूप में कार्य करेगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने, स्टार्टअप तैयार करने और युवाओं में उद्यमिता की भावना को विकसित करने में ये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मील का पत्थर साबित होंगे। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को आर्थिक सहायता के तौर पर 5 लाख रुपये दिये जायेंगे। ये सेंटर अपने आस-पास के कॉलेजों में कम से कम 5 स्पोक बनाएंगे और संसाधनों के आपसी उपयोग के माध्यम से उद्यमिता विकास में सहायक बनेंगे। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त संस्थान नए स्टार्टअप्स को फंडिंग और अन्य सहायता प्राप्त करने में मदद करेंगे।

देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा मिलने पर विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र उद्यमिता विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से ऋषिकेश में टूरिज्म क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी।

आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसरों को सृजित करने में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज के प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और संसाधनों से लैस होना आवश्यक है।

उन्होंने उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में शिक्षा, उद्योग और सरकारी एजेंसियों के बीच साझेदारी के महत्व को भी रेखांकित किया।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्यमिता केवल सफल व्यवसाय बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करने, नवाचार को आगे बढ़ाने और हमारे आसपास की दुनिया पर स्थायी प्रभाव डालने के बारे में भी है।

उद्यमिता विकास को एक परिवर्तनकारी आकार देने में ईडीआईआई अहमदाबाद और उद्यमिता विशेषज्ञों का योगदान अमूल्य है। उद्यमिता एक नई शुरुआत है – एक उज्जवल, अधिक समृद्ध भविष्य को आकार देने में इसकी परिवर्तनकारी शक्ति का प्रमाण है।उत्कृष्टता केंद्र निस्संदेह ऋषिकेश क्षेत्र में युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।परिसर निदेशक प्रोफेसर एम. एस. रावत ने बताया कि उद्यमिता विकास को एक परिवर्तनकारी आकार देने में ईडीआईआई अहमदाबाद का योगदान अमूल्य रहा है।

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