(सचिव सिंचाई ने जमरानी बांध परियोजना का स्थलीय निरीक्षण*)
प्रदेश की नहीं अपितु देश की लगभग चालीस वर्षों से लम्बित जमरानी बांध परियोजना को चालू होने की आस जगी है।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शनिवार को सचिव सिंचाई डॉ आर. राजेश कुमार ने जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना के बांध स्थल का निरीक्षण किया।गौरतलब है कि 3 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक की गई थी जिसमें उन्होंने निर्देशित किया था कि अधिकारी ग्राउंड जीरो पर जाकर सिंचाई विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण करें।
जिसके क्रम में सचिव सिंचाई डॉ आर राजेश द्वारा हल्द्वानी में निर्माणाधीन जमरानी बांध परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि जमरानी बांध परियोजना, राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। निरीक्षण में परियोजना के उपमहाप्रबन्धक श्री बी०बी० पाण्डे द्वारा अवगत कराया गया कि जमरानी बांध बहुउददेशीय परियोजना के अन्तर्गत 150.6 मी० ऊंचाई के कंक्रीट ग्रेविटी बांध का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। परियोजना से उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल को वार्षिक 42.70 एम०सी०एम० पेयजल उपलब्ध होगा।
इसके अतिरिक्त परियोजना से उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल व उधमसिंहनगर तथा उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद बरेली व रामपुर के 57066 है० क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा भी मिलेगी।परियोजना के वित्त पोषण हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार के मध्य एम०ओ०यू० हरताक्षरित किया गया है। परियोजना निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु प्रथम किश्त के रूप में 50157.50 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है।
राज्य सरकार द्वारा परियोजना के पुनर्वास कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रु0 200.00 करोड की धनराशि अवमुक्त की गई है। परियोजना अधिकारियों को पुनर्वास कार्यों के सम्पादन हेतु जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर गति लाने हेतु निर्देशित किया गया।स्थलीय निरीक्षण के दौरान श्री ललित कुमार, प्रबन्धक श्री अजय पंत, श्री पंकज ढौंडियाल, श्री हिमांशु पंत आदि व बांध निर्माण एजेन्सी एफकान्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के परियोजना प्रबन्धक श्री उमेश कुमार अग्रवाल व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि नैनीताल ऊधम सिंह नगर के सांसद पूर्व केन्द्रीय रक्षा राज्य व पर्यटन मंत्री अजय भट्ट ने इस परियोजना को गति दिये जाने हेतु काफी प्रयास किये थे। अविभाज्य उत्तर प्रदेश के , उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की एक महत्वाकांक्षी योजना थी। चालिस साल से भी लम्बे सफ़र के बाद परियोजना चालू नहीं हो पा रही है।