अल्मोड़ा जन अधिकार मंच के संयोजक त्रिलोचन जोशी ने यहाँ जारी एक बयान में कहा कि शासन-प्रशासन ने अल्मोड़ा मालरोड स्थित भारतरत्न् पं. गोविन्दबल्लभ पन्त के नाम पर स्थित संग्रहालय से बेशकीमती ऒर दुर्लभ धरोहरों ऒर अभिलेखों सहित 3000 के लगभग महत्वपूर्ण कलाकृतियों को रातों-रात देहरादून भेजकर ऐतिहासिक संग्रहालय को खत्म करने का बड़ा षड्यंत्र किया हैं। उन्होंने बडा़ आश्चर्य व्यक्त किया कि नगर पालिका परिषद कार्यालय से सटे संग्रहालय से दुर्लभ अभिलेखों को बिना किसी को बताये ले जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
जबकि पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी मुख्यमंत्री घोषणा में उक्त संग्रहालय को नवनिर्मित मल्ला महल में स्थानांतरित करने की घोषणा की थी। उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री घोषणा के साथ मजाक करने वाले लोगों का पर्दाफाश होने की बड़ी माँग की।
श्री जोशी ने कहा कि उक्त संग्रहालय में अल्मोड़ा जनपद के लगभग पाँच सो साल के दुर्लभ इतिहास सहित मुगलकाल से लेकर कत्यूर एंव चन्द वंश सहित स्वतंत्रता संग्राम के भी बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज थे।
जिनको देखने के लिए पर्यटक सहित शोध के छात्र-छात्राओं को भी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी मिलती थी। उन्होंने अल्मोड़ा की बड़ी विरासत संग्रहालय को समाप्त करने के षड्यंत्र को अल्मोड़ा की जनता के हितों के प्रति बड़ा कुठाराघात बताया। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा नगर की जनता के साथ तीसरी बड़ी साजिश हो चुकी हैं, सबसे पहली घटना मल्ला महल के पुर्ननिर्माण के समय स्थानीय इतिहासकार एंव विशेषज्ञों सहित जनता से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनदेखी, उसके बाद अल्मोड़ा कलॆक्ट्रॆट सहित तहसील को जनता की बडी़ अनदेखी करके स्थानातंरण करना ऒर उसके बाद ऎतिहासिक संग्रहालय को खत्म करने की बडी़ साजिश एंव षडयन्त्रों के पीछे कोन लोग हॆं इसकी उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए ऒर इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अल्मोडा़ की जनता को अब एकजुट होने की बडी़ आवश्यकता हैं। मंच के वरिष्ठ परामर्शदाता मनोज सनवाल ने कहा कि अतिशीघ्र इस बड़े षड्यंत्र को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष उठाकर उनकी मुख्यमंत्री घोषणा का मजाक उडा़कर मुख्यमंत्री की गरिमा को ठेस पँहुचाने वाले संस्कृति एंव पुरातत्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही माँग करेंगे। मंच के वरिष्ठ अधिवक्ता एड. केवल सती ने कहा कि इस बेहद महत्वपूर्ण मामले की उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए ऒर संग्रहालय से जो भी विरासत देहरादून पँहुचायी गयी हैं उसे अविलंब पुनः अल्मोड़ा लाने के लिए जन अधिकार मंच संघर्ष करेगा। अगर शीघ्र ही प्रदेश सरकार संग्रहालय की बहुमूल्य विरासत को अल्मोड़ा नहीं लाये तो जन अधिकार मंच संग्रहालय में जाकर वृहद आन्दोलन आरम्भ करेगा ऒर अल्मोड़ा की विरासत को खत्म करने वालों का पर्दाफाश भी किया जायेगा।