आज दिनांक 27/06/2024 को रानीधारा लिंक रोड के पुर्ननिर्माण के लिए रानीधारा सड़क पुनर्निर्माण संगर्ष समिति का धरना सातवें दिन भी जारी रहा।

कल रात 2:30 बजे हुई बारिश से रानीधारा निवासी मंजू समेत तीन से चार घरों में खराब इंनजीनियरिग व करोड़ों की लागत के दुरुपयोग से बनी सीवर लाइन बनने से कच्ची हो चुकी सड़क को फाड़ते हुए पानी व मलबा घुस गया,जिससे इन घर वालो सहित रानीधारा वासियों में आपदा को लेकर देहशत का माहौल बन गया है,रात 3 बजे संघर्ष समिति के सयोजक विनय किरौला ने मौके पर पहुँच कर आपदा कंट्रोल रूम के साथ विभिन्न कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को मौके पर आने का आग्रह कर पीड़ित परिवारों को सुरक्षा देने व जिन वजहों से आपदा आयी है का निराकरण करने का आग्रह किया,नगरपालिका के अमीन बसंत बल्लभ पांडेय व भंडारी सहित उनकी पूरी टीम ने मौके से मालवा हटाने व लंबे समय से बंद पड़े नाले को खोलने के साथ नाली की सफाई की,किंतु सीवर लाइन की कार्यदायी संस्था जल निगम के एस0 सी0,अधिशासी-अधिकारी नदारत रहें।

धरने पर बड़ी संख्या में महिलाओं सहित वरिष्ठ नागरिक, युवा और अल्मोड़ा के विभिन्न वार्डों से आये लोगो ने धरने पर उपस्थित होकर कहा कि संकट के समय मे रानीधारावासियों के साथ अल्मोडा की सम्भ्रान्त जनता साथ हैं।धरने में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि ये केवल रानीधारा की लड़ाई नही है,अब ये पूरे अल्मोड़ा की लड़ाई बन गयी है,ये अत्यंत प्राचीन नगर अल्मोड़ा के स्वाभिमान की लड़ाई है,पूरा अल्मोड़ा संकट के इस समय रानीधारा वासियों के साथ खड़ा है।यदि इसी तरह से शासन-प्रशासन तानाशाही करेगा, तो अलमोर की जनता सड़को पर उतरने को मज़बूर हो जाएंगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन तानाशाही पर उतर आया है,अल्मोड़ा नगर अपनी संस्कृति, इतिहास,सभ्यता के लिए पूरी दुनिया मे जाना जाता है,तानशाही बर्दाश्त नही की जाएंगी,वे न भूले की यही वो नगर है जिसने आज़ादी के आंदोलन से लेकर संस्कृति में पूरे देश में नेतृत्व किया है,बुद्धिजीवियों के नगर में तानाशाही नही सही जाएगी।तत्काल साई मंदिर से धार की तूनी,शिव मंदिर से सेवा सदन तक मार्ग का निर्माण किया जाए,तब एक आंदोलन-धरना जारी रहेगा।पूर्व में दो सूत्रीय माग को लेकर धरना हुआ था,जिसमे संघर्ष समिति ने एक माँग और जोड़ते हुए एक माँग ओर कर दी है-नगर(रानीधारा) में बनी सीवर लाइन की एस0आई0टी0जांच हो।आज के धरने में धरने के सयोजक विनय किरौला,राज्य आंदोलनकारी कमला जोशी,डॉ सैयद अली हामिद,रघु तिवारी,कमला द्रमवाल, कलावती भाकुनी, निर्मला चिलवाल, हंसी रावत,नीरजा चौहान,सुजीत टम्टा, राहुल पंत,पवन पंत, दीपा बिष्ट,अर्चना कोठारी,बिर सिंह,माया देवी,भावना रावत,गीता पंत,मनीषा पंत,नवीन चंद पंत,हिमांशु पंत,बीना पंत,नीमा पंत,गंगा पंत,उमा अलमिया,भगवती डोगरा,दीपाली पांडे, अर्चना पंत,कंचन जोशी,मीनाक्षी पांडे, माया बिष्ट,नीरज बिष्ट,सुधा उप्रेती, सुधा उप्रेती,मीना पंत,मीरा पंत,कुमुद जोशी,नरेंद्र सिंह नेगी,मोहित गुप्ता,सुमित नज्जोन, रघुनाथ सिंह उपस्थित थे।

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