पिथौरागढ़। तापमान में वृृद्धि और हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यो का असर अब विश्व प्रसिद्ध ओम पर्वत पर भी दिखाई देने लगा है। जिसने पर्यावरण प्रेमियों की चिंता बढ़ा दी है। बर्फ पिघलने से विश्व प्रसिद्ध ओम पर्वत से ॐ गायब हो गया है। एक दशक पूर्व तक ओम पर्वत और इसके आसपास की पहाड़ियां वर्ष भर बर्फ से लकदक रहती थी। अब यहां महज काला पहाड़ नजर आ रहा है।
पर्यावरणविद और स्थानीय लोग वैश्विक तापमान में वृद्धि और उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। पिछले दिनों प्रवास पर मूल गांव गुंजी गईं उर्मिला सनवाल गुंज्याल ने बताया कि वह 16 अगस्त 2024 को ओम पर्वत के दर्शन के लिए गईं थीं। जब वह फोटो खींचने के लिए नाभीढांग गईं तो उन्हें ओम पर्वत पर बर्फ नजर नहीं आई। बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील की व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से ओम पर्वत के दर्शन होते हैं। पिछले दिनों प्रवास पर मूल गांव गुंजी गईं उर्मिला सनवाल गुंज्याल ने बताया कि वह 16 अगस्त 2024 को ओम पर्वत के दर्शन के लिए गई थीं। जब वह फोटो खींचने के लिए नाभीढांग गईं तो उन्हें ओम पर्वत पर बर्फ नजर नहीं आई ।
गुंजी से धारचूला लौटी उर्मिला ने बताया कि ओम पर्वत पूरी तरह से बर्फ विहीन हो गया है। ओम पर्वत काला पहाड़ जैसा नजर आ रहा है। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए सरकार से विशेषज्ञों की टीम भेजकर दारमा और व्यास घाटी में हो रहे जलवायु परिवर्तन पर शोध कर बचाव के उपाय खोजने की मांग की है।