(अलमोडा़ के निवासी डाक्टर धारा बल्लभ पांडे, के बीस पुस्तकें, प्रकाशित, एक पांच हजार साल का पंचांग, उपलब्धि है।)

अखिल भारतीय साहित्यिक संस्था *युगधारा फाउंडेशन लखनऊ* के तत्वावधान में होटल गुलशन प्लाजा, बर्डी, नागपुर, महाराष्ट्र में आयोजित दो दिवसीय *अभिव्यक्ति कार्यक्रम* के अंतर्गत सम्मान समारोह, पुस्तक लोकार्पण, वैचारिक संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी में उत्तराखंड, अल्मोड़ा के वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, शिक्षाविद, एवं गणितज्ञ *डॉ0 धाराबल्लभ पांडेय,’आलोक’* को शाल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न, प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान कर *साहित्य अभ्युदय सम्मान* से अलंकृत किया गया।

यह पुरस्कार उन्हें *भीष्म प्रतिज्ञा* महाकाव्य पर दिया गया। इससे पूर्व डॉक्टर पांडेय को विभिन्न पुस्तकों एवं लेखो पर विभिन्न पुरस्कार प्रदान हो चुके हैं।

डॉक्टर पांडे की अब तक 20 रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है, जिसमें 5000 वर्षीय ईसवी कैलेंडर, 22500 वर्षीय ईसवी, विक्रमी, बांग्ला, व शक संवत् का संयुक्त कैलेंडर तथा कैलेंडर पर आधारित गणितीय शोध एवं विश्लेषण *समयालोक सुदर्शनी* पुस्तक भी सम्मिलित है।

डॉक्टर पांडेय ने इस समारोह में काव्य गोष्ठी में भी *रखना अरे ओ तिरंगे लाज* के स्वरचित मधुर गान से उत्तराखण्ड अल्मोडा़ की छवि को प्रतिध्वनित कर प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर युगधारा फाउंडेशन की और से विभिन्न श्रेणियां में कुल 39 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।समारोह मे युगधारा फाउंडेशन की निदेशिका सुश्री सौम्या मिश्रा, श्री रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे, श्रीनिवास शुक्ला, प्रोफेसर विश्वम्भरर शुक्ला, डॉ. सागर खादीवाला, अजय पाठक, शिव मोहन सिंह, प्रदीप भट्ट, डॉ. मुकुंद नीलकंठ, श्रीमती हेमलता मिश्र, श्री अनिल मलोकर, श्रीमती पूनम मिश्रा, डॉ प्रमोद शुक्ला, अविनाश बागड़े, डॉ वीणा दादे, श्रीमती तारा पाण्डेय, श्री एसपी सिंह रवि शुक्ला बीकानेरी, जगदीश थपलियाल, अरुण नामदेव, मुकेश कुमार सिंह, श्रीमती किंजल मेहता, शीतल कोकाटे आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आदरणीय अविनाश बागड़े ने किया।

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