उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पी०सी,० तिवारी के नेतृत्व में आज की कार्यवाही ने आजादी आंदोलन के कूली बेगार आंदोलन की याद दिला दी, लगता है, उत्तराखंड के मूल निवासी जाने अनजाने में फिर गुलामी का जीवन‌ जी रहे हैं, या देर नहीं गुलाम होने जा रहे हैं । इसी मुद्दे पर, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेतृत्व में आज प्रदेश में चल रही सशक्त भू कानून की मांग के बीच भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में उद्योगों के लिए असीमित कृषि भूमि खरीद की छूट देने के कानून की प्रतियां जला कर विरोध किया।

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तहसील के पास उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पहाड़ी आर्मी के साथ हरीश रावत, बेरोजगार संघ के कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा समेत तमाम लोग शामिल थे। इस मौके पर उपपा नेताओं ने कहा सरकार उत्तराखंड में जल, जंगल, जमीन पर पूंजीपतियों, माफियाओं का कब्जा कराने के लिए नीति में जनविरोधी परिवर्तन करती आ रही है जिससे उत्तराखंड की खेती चौपट हो गई है। लोगों को रोज पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उपपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश भ्रष्ट नौकरशाहों, राजनेताओं व पूंजीपतियों, माफियाओं के गठजोड़ के कारण उत्तराखंड का हिमालयी क्षेत्र त्रस्त है और जनता का आक्रोश सड़कों पर उतर रहा है जिस पर सरकार को समय रहते चेत जाना चाहिए। इस दौरान कार्यक्रम में उपपा उपाध्यक्ष श्रीमती आनंदी वर्मा, केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम, नगर अध्यक्ष हीरा देवी अल्मोड़ा, भगवत कोहली, उछास की भावना पांडे, भास्कर तिवारी, सुमित, एडवोकेट रंजना सिंह, एडवोकेट जीवन चंद्र, शोध छात्रा भारती, सौरभ भट्ट आदि लोग शामिल थे।

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