(पूर्व राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड भगत सिंह कोश्यारी ने उच्च न्यायालय को कुमाऊं से शिफ्ट न करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा, वहीं हाई कोर्ट बार एसोसिएशन नैनीताल ने आपातकाल बैठक कर सर्वोच्च न्यायालय में जाने का प्रस्ताव पारित किया )

उत्तराखंड की हाईकोर्ट को शिफ्ट किये जाने पर एक नया भूचाल आया है। पूर्व राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड भगत सिंह कोश्यारी ने इसे कुमाऊं के विकास के विपरित फैसला बताया है। उन्होंने एक बयान जारी कर बताया किकुमाऊं में हाईकोर्ट ही एकमात्र बड़ा संस्थान बचा हुआ है, उसे भी यहां से ले जाने की कोशिश की जा रही है, जबकि राज्य गठन के समय स्पष्ट था कि गढ़वाल में राजधानी रहेगी तो कुमाऊं में हाईकोर्ट।

अब इस मामले को लेकर कुमाऊं में विरोध होने लगा है। वहीं, अब पूर्व राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को पत्र लिखा है। जिसमें भगत सिंह कोश्यारी ने बिंदुवार अपनी राय रख सीएम धामी को अवगत कराया है।

वहीं उत्तराखंड हाई कोर्ट बार एसोसिएशन नैनीताल ने एक बैठक कर निर्णय लिया है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय को कुमाऊं से शिफ्ट करने के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में वाद दायर किया जायेगा।नैनीताल में उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पिछले दिनों एक आदेश पारित कर उच्च न्यायालय की बैंच को ऋषिकेश भेजने का मौखिक निर्देश दिया।

इसके बाद बड़ी संख्या में बार एसोसिएशन के अधिवक्ता न्यायालय के सम्मुख पहुंचे। न्यायालय ने बार को एक सप्ताह में अधिवक्ताओं का जनमत कराकर न्यायालय की शिफ्टिंग को लेकर अपना मत बताने को कहा। बैठक में अधिवक्ताओं ने कहा कि 17 मई से सुप्रीमकोर्ट बन्द होने वाली है, इसलिए हमें जल्द कोई बड़ा फैसला लेना चाहिए। कहा कि एक कमिटी बनाकर पूरी तैयारी से सुप्रीमकोर्ट में एस.एल.पी.दाखिल करनी चाहिए। ये भी कहा गया कि जल्द से जल्द आदेश को चुनौती देनी चाहिए और वहां का एक सीनियर अधिवक्ता को भी इस केस में रखना चाहिए।

अधिवक्ताओं ने कहा कि नैनीताल में कई जगह ऐसी हैं जिसका इस्तेमाल न्यायालय के विस्तार के लिए किया जा सकता है। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष डी.सी.एस.रावत ने कहा कि ध्वनि मत से सभी का मत है कि हमें एस.एल.पी.में जाना चाहिए। आप लोग अपनी इच्छानुसार योगदान करें। कहा कि सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता से संपर्क किया जाएगा।

उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई अपने सुझाव देना चाहें तो शाम तक महासचिव सौरभ अधिकारी को लिखकर भेज दें।आहूत‌ बैठक वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिंह, एम.सी. कांडपाल विजय भट्ट, आदित्य साह, एस.आर.जोशी, अंजली भार्गव, सय्यद नदीम ‘मून’, सूरज पाण्डे, जगदीश बिष्ट, वीरेंद्र रावत, उद्योग शुक्ला, डी.के.जोशी, पूरन रावत आदि बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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