14 सितम्बर 2023 को हिन्दी दिवस के अवसर पर 14 सितम्बर से 30 सितम्बर 2023 तक भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया गया। पखवाड़े के दौरान कई प्रतियोगिताओं यथा हिन्दी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन, निबन्ध लेखन, टंकण, तात्कालिक आशुभाषण आदि का आयोजन किया गया।
पखवाड़े का समापन समारोह में 5 अक्टूबर 2023 को आयोजित हिन्दी संगोष्ठी में माननीय अध्यक्ष, असम कृषि आयोग असम सरकार (पूर्व महानिदेशक बोरलॉग इन्सटीट्यूट ऑफ साउथ एशिया, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप- भा.कृ.अनु. सं., नई दिल्ली एवं भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा) डॉ. हरि शंकर गुप्त मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो० दिवा भट्ट, पूर्व विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग, सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा, डॉ. जगदीश चन्द्र भट्ट, पूर्व निदेशक भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा, डॉ. एच.सी. भट्टाचार्य, डीन, डैफोडिल कालेज ऑफ हार्टिकल्चर, डीएमईटी, खेतड़ी, असम एवं श्री संजीव देष्टा, किसान, हिमाचल प्रदेश, सदस्य, शोध सलाहाकार समिति रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ परिषद गीत से किया गया।
तत्पश्चात संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कान्त ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान में हो रही हिन्दी की प्रगति से अवगत कराया।इस अवसर पर स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। मुख्य अतिथि डा. हरि शंकर गुप्त ने अपने भाषण में संस्थान में हो रही हिन्दी की प्रगति की सराहना की तथा कहा कि हिन्दी एक ऐसी भाषा है, जिसके द्वारा संस्थान, जिसका उद्देश्य पर्वतीय कृषि का उत्थान है, अपनी तकनीकियां को आधारभूत स्तम्भ कृषकों तक पहुँचा सकते हैं। उन्होने वैज्ञानिको का आहवाहन किया कि वे अपने शोध को प्रक्षेत्र तक सरल हिन्दी माध्यम से ले जाएं, ताकि कृषक उसका भरपूर लाभ उठा सकें। विशिष्ट अतिथि हिन्दी की प्रकाण्ड विदुषी डॉ. दिवा भट्ट ने हिन्दी की विशेषता व महत्व को बताते हुए कहा कि अब तो तकनीकी शब्दावलियां भी हिन्दी में आने लगी है। ऐसे में हमारा कर्त्तव्य हो जाता है कि हम वैज्ञानिक शोध के परिणामों को प्रस्तुत करने में भी अधिकाधिक हिन्दी का प्रयोग करें। विशिष्ट अतिथि डा. जे.सी. भट्ट, जो कि संस्थान के पूर्व निदेशक भी रहे हैं, ने पूर्व में संस्थान में हिन्दी प्रगति व संस्थान में पहली राजभाषा निरीक्षण समिति की जानकारी दी।
उन्होंने संस्थान की हिन्दी पत्रिका हरीतिमा के सम्बन्ध में भी बताया। इसके उपरान्त मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों एवं संस्थान के निदेशक द्वारा पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में पुरूस्कृत वैज्ञानिकों, अधिकारियों व कार्मिकों को प्रमाण पत्र भेंट किये गये।
पुरुस्कार प्राप्त करने वालों में डॉ. बृज मोहन पाण्डे, डॉ प्रियंका खाती, डा. विजय सिंह मीणा, डा. अमित अमित पश्चापुर, डा जितेन्द्र कुमार, श्रीमती रेनू सनवाल, ई. डी.सी. मिश्रा, श्री नारायण राम, श्री मनोज भट्ट श्री चारु चन्द्र जोशी, श्री वरूण सुप्याल, श्री केशव नौटियाल, श्री सुन्दर राम श्री नन्दन सिंह रजवार, श्री अभिनव सिंह, श्री सचिन कुमार पाण्डे, श्री हरीश चन्द्र पाण्डे, श्री देवेन्द्र कार्की, श्री अजित बिष्ट एवं श्री भगवान बल्लभ तिवारी रहे।
इस अवसर पर निर्णायक मंडल के डा. एन.के. हेडाऊ, डा. कृष्ण कान्त मिश्रा, डा. पंकज कुमार मिश्रा, डा. कुशाग्रा जोशी तथा प्रतियोगिताओं के पर्यवेक्षक श्री आर. एस. नेगी, श्रीमती रेनू सनवाल, डा. जी. एस बिष्ट, श्री ललित मोहन तिवारी सहित सभी वैज्ञानिक व कार्मिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन मुख्य तकनीकी अधिकारी एवं प्रभारी राजभाषा श्रीमती रेनू सनवाल तथा धन्यवाद प्रस्ताव वैज्ञानिक डा. प्रियंका खाती ने किया।