( यह पल मेरे और मेरे परिवार के लिए अति भावुक और अविस्मरणीय है:-हरमनमीत सिंह रीन)
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में आज 157वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन किया गया। गौरव, परंपरा और सैन्य गरिमा से परिपूर्ण इस अवसर पर अधिकारी कैडेट्स को भारतीय सेना में कमीशन प्रदान किया गया। यह समारोह अकादमी के आदर्श वाक्य “वीरता और विवेक” तथा कैडेट्स के कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन और अदम्य साहस का सशक्त प्रतीक रहा।

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थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने परेड की समीक्षा की और नव-नियुक्त अधिकारियों को प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर बधाई दी। उन्होंने युवा अधिकारियों के उच्च स्तर के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं का निर्वहन करने तथा निष्ठा, प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन प्राप्त करना केवल प्रशिक्षण की समाप्ति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है।

157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्ज़ाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट्स के साथ-साथ 14 मित्र राष्ट्रों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। यह कमीशनिंग न केवल भारत के रक्षा नेतृत्व को सुदृढ़ करती है, बल्कि मित्र देशों के साथ दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को भी सशक्त बनाती है।

इस गरिमामय समारोह के साक्षी गर्वित अभिभावक, परिजन, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तथा अनेक विशिष्ट अतिथि बने। परेड का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के साथ हुआ, जब युवा अधिकारी राष्ट्र की संप्रभुता, सम्मान और मूल्यों की रक्षा के संकल्प के साथ आगे बढ़े।

प्रमुख पुरस्कार:

स्वॉर्ड ऑफ ऑनर एवं स्वर्ण पदक (मेरिट में प्रथम) एसीए निश्कल द्विवेदी को प्रदान किया गया। रजत पदक (द्वितीय स्थान) बीयूओ बादल यादव तथा कांस्य पदक (तृतीय स्थान) एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला। टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में मेरिट में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम–46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया। स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री को दिया गया। विदेशी कैडेट्स में मेरिट में प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफ़ीन अशरफ को मिला। ऑटम टर्म 2025 में समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया।

157वें कोर्स के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने एक बार फिर राष्ट्र के लिए साहस, पेशेवर दक्षता और अटूट समर्पण से नेतृत्व करने वाले अधिकारियों के निर्माण की अपनी गौरवशाली परंपरा को सुदृढ़ किया है।
परिवार के लिए गर्व का क्षण
सेना और मातृभूमि के प्रति सेवा की चार पीढ़ियों की सशक्त परंपराभारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से कैडेट हरमनमीत सिंह रीन के पासिंग आउट के साथ उनके परिवार की चार पीढ़ियों से चली आ रही साहस, अनुशासन और राष्ट्रसेवा की गौरवशाली परंपरा को एक नया आयाम मिला।सीटीडब्ल्यू एमसीटीई में सिल्वर मेडल प्राप्त करने वाले चौथी पीढ़ी के अधिकारी हरमनमीत सिंह रीन ने उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित बायोनेट पिन एवं सिक्स स्टार टॉर्च अर्जित की। खेलकूद में भी उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें स्क्वैश में हाफ ब्लू तथा टेनिस में मेरिट कार्ड शामिल हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास, दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुकरणीय अनुशासन को दर्शाता है।वे अपने पिता, सेवारत अधिकारी कर्नल हरमीत सिंह के पदचिन्हों पर चलते हुए सेना में कमीशन प्राप्त करने वाले परिवार की तीसरी पीढ़ी बने हैं। उनकी माता श्रीमती हरवीन रीन, 26 वर्षों के अनुभव वाली समर्पित शिक्षाविद् हैं, जिनका मार्गदर्शन और प्रेरणा उनके जीवन में सदैव महत्वपूर्ण रही है।कमीशनिंग के अवसर पर लेफ्टिनेंट हरमनमीत सिंह रीन ने कहा,
“यह मेरे और मेरे परिवार के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। मुझे देशसेवा की इस पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाने का अवसर मिला है।”

यह समारोह परिवार के लिए विशेष गौरव का अवसर रहा, जिसने वर्षों से राष्ट्रसेवा को अपना ध्येय बनाया है। लेफ्टिनेंट हरमनमीत सिंह रीन के उज्ज्वल, सम्मानित और सफल सैन्य करियर के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ। आशा है कि उनकी सेवा सदैव साहस, निष्ठा और उत्कृष्टता से परिपूर्ण रहेगी।

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