( कुमाऊं का पहला विधि संकाय अल्मोड़ा चालिस साल से अधिक समय से संचालित हो रहा है, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री मंत्री भाजपा नेता बिट्टू कर्नाटक ने शीध्र कार्यवाही की मांग उठाई )

उत्तराखंड में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की बात का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। जिसकी पहल पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व भाजपा नेता बिट्टू कर्नाटक ने की है।अलमोडा़ मुख्यालय में स्थापित विधि संकाय पिछले चालीस साल से अधिक वर्षों से स्थापित चला आ रहा है।
राज्य गठन के बाद काफी लम्बे समय से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। भाजपा नेता पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समय से लंबित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सपने को साकार करने मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से करते हुए उनसे आग्रह किया कि इस क्षेत्र में सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर महत्वपूर्ण पहल करते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि संकाय को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एन.एल.यू.) का दर्जा दे कर वर्षों से रुके हुए इस कार्य को कर युवाओं को सौगात देने का कार्य करे।
यह मांग इसलिए अत्यंत आवश्यक है कि वर्ष 2011 में ‘राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय उत्तराखंड अधिनियम’ पारित हुआ था, 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य में अभी तक राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय अस्तित्व में नहीं आ पाया है।
उत्तराखंड देश के उन कुछ राज्यों में शामिल है जहां विधिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए अभी तक एनएलयू की स्थापना नहीं हो सकी है, जबकि इसकी आवश्यकता और मांग लगातार बुद्धिजीवियों के द्वारा की जा रह है , उत्तराखंड जैसे राज्य, जिसकी शैक्षिक क्षमता और युवा जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, वहां अब तक एक भी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय कार्यान्वित नहीं हो पाया है, जबकि इसके लिए अधिनियम भी पारित हो चुका है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का विधि संकाय इस दिशा में आदर्श केंद्र बन सकता है।
”श्री कर्नाटक ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस संकाय को एनएलयू का दर्जा प्रदान किया जाता है तो वर्ष 2011 में पारित अधिनियम को भी क्रियान्वित किया जा सकेगा तथा सरकार की प्रतिबद्धता भी पूरी हो पाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में विधिक शिक्षा और अनुसंधान के स्तर में व्यापक सुधार आएगा तथ छात्रों को गुणवत्तापरक विधिक शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, साथ ही उत्तराखंड की शैक्षिक और न्यायिक प्रतिष्ठा राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ होगी।
श्री कर्नाटक ने कहा कि जल्द ही इस संबंध में सोबरन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति, माननीय मुख्यमंत्री तथा उच्च शिक्षा मंत्री से मिलकर इस विषय को आगे बढ़ने का प्रयास किया जाएगा।।


