खबर कैलाश सिंह नेगी

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गरमपानी- अच्छी शिक्षा तथा उचित रोजगार के लिए जहाँ एक तरफ ग्राम सभाओं से लगातार पलायन हो रहा है वही दूसरी तरफ इसका सीधा असर अब कई दशकों से चलती आ रही रामलीलाओं के मंचन पर भी पड़ रहा है, जिसमे पलायन के साथ साथ कलाकारों की कमी के चलते अब बेतालघाट ब्लॉक के 2 दर्जन से अधिक ग्राम सभाओं में रामलीला का मंचन तक बन्द हो गए है, जिसमे धनियाकोट, सीम, सिल्टोना, जिनोली, मझेड़ा, तल्ला बर्धो, लोहली, धारी, गैरखाल, पातली, खलाड, घोडिया हलसो, हल्दियानी, पटौडी, मलौना, इत्यादि ग्राम सभाओं में पिछले कई वर्षों से रामलीला का मंचन नही हो पाया है। वही वर्तमान में बस गरमपानी, कफुल्टा, बेतालघाट, बजेडी, ऊँचकोट, सिमलखा में रामलीला का मंचन किया जा रहा है।

वही बढ़ते आधुनिक समय मे भी अब लोगो मे बीच रामलीला करवाने का चलन भी समाप्त हो रहा है, जिसमे अब रामलीला के बजाय अब लोगो का रुख मोबाइल की तरफ चला गया है, जिसमे अब आज की युवा पीढ़ी में रामलीला की तरफ खासा रुचि नही रह गयी है।

उत्तराखंड राज्य बनने से पहले बेतालघाट ब्लॉक के लगभग 30 से अधिक ग्राम सभाओं में रामलीला का मंचन किया जाता था लेकिन समय के साथ साथ अब 2 दर्जन ग्राम सभाओं में रामलीला का मंचन बन्द हो गया है, अभी फिलहाल पूरे ब्लॉक में केवल 6 ही ग्राम सभाओं में ही रामलीला का मंचन किया जा रहा है, उसमें भी कुछ ग्राम सभाएं ऐसी है जिसमे 2 या 3 वर्षों में केवल 1 ही बार रामलीला का मंचन होता है।

वही इस दौर में कुछ ऐसी ग्राम सभाएं भी है जो पिछले 80 या 90 वर्षों से लगातार रामलीला का मंचन कर रही है, जिसमे गरमपानी की रामलीला पिछले 90 वर्षों से अधिक समय से रामलीला का मंचन कर रही है वही बेतालघाट की रामलीला भी पिछले लगभग 80 वर्षों से लगातार हो रही है।

वही पहले के समय मे ग्राम सभा के लोगो द्वारा कम संसाधनों के होने के बाबजूद भी रामलीला का सुन्दर मंचन किया जाता था जिसमें बुजर्गो द्वारा बताया जाता है कि पहले रामलीला में आग की मशाल के उजाले में रामलीला का मंचन होता था, लेकिन आज की चकाचौध समय मे रामलीला का मंचन लगातार बन्द होता जा रहा है। वही पहले रामलीला देखने के लिए 10 से 15 किलोमीटर दूर पैदल सफर किया जाता था, जिसमे रामलीला के अभिनय के करने के लिए गाँव के लोगो द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जाता था जो कि अब समय के साथ साथ कम तथा बिल्कुल समाप्त हो गया है जिससे अब जगह जगह रामलीलाओं का मंचन नही किया जा रहा है।

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