( सर्व दलीय “क्वारब सुधारीकरण संघर्ष समिति का गठन कर , अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर आदि जनपदों के प्रभावित जनमानस को संघर्ष और आंदोलन होगा, विनय किरौला)

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हल्द्वानी अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के क्वारब डेंजरस प्वाइंट के समाधान हेतु विश्व स्तरीय राय ले, विश्व स्तरीय टैंडर मांग समस्या का निराकरण हो ( सर्व दलीय “क्वारब सुधारीकरण संघर्ष समिति का गठन कर , अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर आदि जनपदों के प्रभावित जनमानस को संघर्ष और आंदोलन होगा, विनय किरौला)हल्द्वानी अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के क्वारब डेंजरस प्वाइंट के समाधान हेतु विश्व स्तरीय राय ले, विश्व स्तरीय टैंडर मांग करसमस्या का निराकरण हो यह आज नयी मांग समाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला के नेतृत्व में आहूत बैठक में की गए।

एक सर्व दलीय संघर्ष समिति “क्वारब सुधारीकरण संघर्ष समिति” का गठन कर पुरजोर मांग की गयी कि क्वारब की पहाङी के सुधारीकरण के लिए पारम्परिक तकनीक जो पूणतः असफल होती दिख रही है का स्थाई समाधान के लिए विश्व स्तरीय निविदा जारी कर इस पहाड के स्थाई स्थिरीकरण के लिए सबसे आधुनिक (पहाड को स्थिरीकरण के लिए) तकनीक का उपयोग किया जाऐ। क्वारब सुधारीकरण संघर्ष समिति के बैनर तले कुमाऊँ के तीन पहाड़ी जिलो अल्मोड़ा-बागेश्वर-पिथौरागढ को तराई-भाभर से जोड़ने वाले क्वारब मोटर-मार्ग जो लंबे समय से शासन की उदासीनता के कारण अब तक उच्च तकनीक के इस्तेमाल न हो पाने के कारण बन नही पाया है।

करोडो के टेन्डर लगने के बावजूद जहा एक ओर क्वारब मोटर मार्ग के ऊपर स्थित पहाड़ी लगातार दरक रहीं हैं वही मोटर मार्ग के नीचे की पहाड़ी मे नवनिर्मित दीवार मे दरारे पड़ गयी है।क्वारब मोटर-मार्ग सुधारीकरण संघर्ष समिति सरकार से पुरजोर मांग करती हैं कि इस मोटर मार्ग में करोडो का बजट जारी करने के बावजूद पारम्परिक तरीकों से क्वारब मोटर-मार्ग की इस पहाड़ी का स्थिरीकरण नहीं हो पा रहा है,पूर्व में भी देखने मे आया है कि जब-जब इस मोटर मार्ग के सुधरीकरण का कार्य सरकार द्वारा पारम्परिक तरीके से करवाया गया,असफल रहा है।

क्वारब ने पारम्परिक तरीके से सुधरी करण को कभी स्वीकार नहीं किया,इसलिए अत्यंत आवश्यक है कि इस मोटर मार्ग के सुधरीकरण के लिए न केवल विश्व स्तरीय टेन्डर प्रक्रिया जारी हो,साथ ही इस पहाड़ के स्थाई स्थिरीकरण के लिए सबसे उच्चतम व सबसे आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए।इसके अतिरिक्त सालों से क्षतिग्रस्त कुमाऊँ के पहाङी इलाक़ों को हल्द्वानी से जोड़ने वाले इस मोटर मार्ग के कारण उपरोक्त तीन जिलों के व्यापारीयो को करोडो का नुकसान हो गया है,होटल व्यवसाय मंदी की चपेट मे आ गया है,आम नौकरी पेशा से लेकर पहाड के मरिजो के लिए जान पे आफत बन गया है,भारी वाहनो की आवाजाही इस मोटर-मार्ग से बंद होने के कारण राशन-पानी से लेकर भवन निर्माण की साम्रगी के दाम कई गुना बढ गई है जिसका सीधा खामियाजा आम आदमी पर पढ रहा है।संघर्ष समिति के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि पिथौरागढ,बागेश्वर सहित इस मोटर-मार्ग का उपयोग करने वाले छोटे कस्बों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द ही समन्वय नियुक्त कर बड़ा ज़न आंदोलन मांग मंगाई जाएगी।

इस अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व में नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने की बाद भी की गई। साथ ही सूचना के अधिकार के माध्यम से इस क्षेत्र में खर्च हुए आज तक कुल रुपयों की जानकारी भी जल्दी सार्वजनिक की जाएगी।प्रेस वार्ता में समिति के संयोजक विनय किरौला,अध्यक्ष पैरामिलिटी सेवानिवृत्त पैरामिलिट्री फोर्स पर्सनल वेलफेयर ऐसोसिएशन कुमाऊँ-मंडल उत्तराखंड मनोहर सिंह नेगी,पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चंद्र शेखर बनकोटी, उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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